महाराणा प्रताप शायरी – Maharana Pratap Shayari – 2024 शायरी संग्रह

Maharana Pratap Shayari in hindi – महाराणा प्रताप राजस्थान के ही नहीं पूरे भारतवर्ष के लिए गौरव के प्रतीक रहे हैं। 9 मई को उनकी जयंती बड़े ही धूमधाम के साथ मनाई जाती है। ऐसे में आज के इस आर्टिकल में हम आप लोगों के लिए लेकर आए हैं Maharana Pratap Shayari का ऐसा संग्रह जिसको पढ़ कर आप और भी गौरवान्वित महसूस करेंगे।

वैसे तो इंटरनेट पर आपको महाराणा प्रताप शायरी के बहुत सारे संग्रह मिल जाएंगे। लेकिन आज के इस आर्टिकल में आपको जो Maharana Pratap Shayari पढ़ने को मिलेगी, यह शायरी महाराणा प्रताप जी के जीवन को खूब को दर्शाती है।

साथ में यहां पर नई नई शायरियां लिखी गई है, जिससे कि अगर आपने Maharana Pratap Shayari कहीं और पहले से पढ़ रखी होगी तो आपको ऐसा नहीं लगेगा कि आप उन्हीं शायरियों को फिर से पढ़ रहे हो। यहां पर हमने आपको महाराणा प्रताप शायरी का नया संग्रह हिंदी में उपलब्ध करवाया है।

Maharana Pratap Shayari in hindi 2020
Maharana Pratap Shayari in hindi

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Maharana Pratap Shayari Collection in Hindi

जैसा की आप सभी को पता ही है कि महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 में हुआ था। इस मेवाड़ी शेर ने अकबर के सामने कभी भी घुटने नहीं टेके और अकबर ने महाराणा प्रताप के साथ जितने भी युद्ध लड़े सभी में पराजित ही होआ। अकबर कभी भी महाराणा प्रताप को हरा नहीं पाया और झुका नहीं पाया।

इसी बात को देखते हुए बहुत सारे विद्वान कहते हैं कि अकबर की सेना में दम था और महाराणा के सीने में दम था। इसी साहस और निडरता के कारण महाराणा प्रताप को आज बच्चा-बच्चा जानता है। खास करके वह लोग महाराणा प्रताप को भगवान का दर्जा देते हैं जो लोग शहीदों और भारत के वीर सपूतों को नमन करते आए हैं।

अब चलिए आप लोगों के लिए पेश करते हैं Maharana Partap Shayari वह भी हिंदी में। आप यहां पर दी गई किसी भी शायरी को कॉपी करके अपनी Social Media Accounts पर शेयर कर सकते हैं।

Top 5 Maharana Pratap Shayari in Hindi

जो राणा को झुका दे इस धरती पर ऐसा वीर नहीं, अकबर कभी राणा से जीत जाए ऐसा अकबर का तकदीर नहीं।

मर गया अकबर रख के सीने में यह ख्वाब की जीत लेगा वह महाराणा प्रताप को, मुगलिया सल्तनत की न्यूव हिल जाती थी, जब सुनती थी वह महाराणा प्रताप की दहाड़ को।

लगते गए ढेर लाशों के, बहा खून पर रुका नहीं, लड़ता गया वह वीर मेवाड़ी, महाराणा कभी झुका नहीं।

भारतवर्ष की भूमि पर महाराणा से वीर हुए, यह सब उनकी ही देन है जो हम जी रहे हैं आज इस दुनिया में ऐसी तकदीर लिए।

लगा दिया अकबर ने पूरी सेना का जोर फिर भी राणा झुका नहीं, सीने में दम लेकर पैदा हुआ था वीर सपूत, बाधाएं थी लाखों उनके सामने, पर कभी वीर मेवाड़ी रुका नहीं।

महाराणा प्रताप जयंती शायरी

जलते दीपक में भगवान हैं, कब तक उसे बुझाओगे.. भगवा मिटाने वालों, कैसे सूरज चाँद मिटाओगे!!!

हम शेर है, शेरों की तरह हँसते है… क्योंकि हमारे दिलों में महाराणा प्रताप बसते है।

बिना रुके हर कठिनाई में कदम बढ़ाना, आसान नहीं है, मातृभूमि पर शीश चढ़ाना. महाराणा प्रताप जयंती की शुभकामनाएं

अगर हौसले बुलन्द हो, तो पर्वत भी एक मिट्टी का ढेर सा लगता है। – महाराणा प्रताप

ताकतवर मुगल भी काँपते थे, जब युद्ध में सम्मुख महाराणा आते थे।

शूरवीरों की है यह धरती, महाराणा प्रताप पालनहार !! बुराई जिससे डरकर भागे, ऐसी गूँजी है हुंकार !!

बिना रुके हर कठिनाई में कदम बढ़ाना, आसान नहीं है, मातृभूमि पर शीश चढ़ाना !!

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निष्कर्ष – Maharana Pratap Shayari – महाराणा प्रताप शायरी

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आपको मेवाड़ी शेर Maharana Partap Shayari पढ़ने को मिली। इन शायरी को आप आसानी से यहां से कॉपी कर सकते हो और अपने Social Media Accounts पर शेयर कर सकते हो। अगर आप महाराणा प्रताप को एक सच्चा वीर योद्धा और देशभक्त मानते हो तो उनके बारे में दो शब्द कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।

इसके अलावा आज के article में आपको जो Maharana Partap Shayari पढ़ने को मिली है, वह सारी आपको कैसी लगी? यह भी आप कमेंट में बता सकते हो। उम्मीद करते हैं आज के इस आर्टिकल में जो महाराणा प्रताप से जुड़ी शायरी आपको पढ़ने को मिली वह आपको पसंद आई होगी।

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